बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने विवादास्पद संविधान सुधार समिति की सभी गतिविधियाँ निलंबित कीं
शनिवार को बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) ने विवादास्पद

शनिवार को बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) ने विवादास्पद संविधान सुधार समिति की सभी गतिविधियों को निलंबित करने की घोषणा की। यह निर्णय शेर-ए-बांग्ला नेशनल स्टेडियम में आयोजित BCB के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की 17वीं बैठक के बाद लिया गया।
संविधान सुधार समिति, जिसका नेतृत्व BCB के निदेशक नज़मुल अबेदिन कर रहे थे, को बोर्ड के संविधान में बड़े बदलावों के प्रस्ताव के कारण आलोचना का सामना करना पड़ा।
क्लबों का विरोध और बहिष्कार
14 जनवरी को, ढाका के क्लब आयोजकों ने प्रस्तावित BCB संविधान सुधारों के खिलाफ बहिष्कार की धमकी दी। चार दिन बाद, क्लबों ने फर्स्ट डिवीजन घरेलू क्रिकेट का बहिष्कार किया, जिससे कई क्रिकेटरों की आजीविका संकट में आ गई।
सुधार समिति का गठन और प्रस्ताव
BCB ने पांच सदस्यीय संविधान सुधार समिति का गठन किया था। इसका नेतृत्व नज़मुल अबेदिन कर रहे थे और सदस्यों में सैफुल इस्लाम (राष्ट्रीय खेल परिषद अध्यक्ष के निजी सचिव), कानूनी सलाहकार बैरिस्टर शेख महदी, सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट कमरुज़्ज़मान और एकेएम आज़ाद हुसैन शामिल थे।
प्रस्तावित संविधान में प्रमुख बदलावों में शामिल हैं:
- CCDM को भंग करना।
- BCB जनरल काउंसिल में श्रेणी-2 काउंसलरों की संख्या में भारी कमी।
- ढाका क्लबों का प्रतिनिधित्व 12 से घटाकर 4 करना।
- बोर्ड के निदेशकों की संख्या 25 से घटाकर 21 करना।
सुधार प्रस्ताव का विरोध
क्लबों ने प्रस्तावित सुधारों के खिलाफ लीग का बहिष्कार करने का फैसला किया। BCB ने स्थिति को गंभीरता से लिया क्योंकि लीग स्थगित होने से 1,600 से 2,000 क्रिकेटरों का भविष्य खतरे में पड़ सकता था।
पारदर्शिता की कमी पर आलोचना
BCB निदेशक महबूब अनाम ने बैठक के बाद कहा, “सुधार समिति ने बोर्ड या NSC को कुछ भी प्रस्तुत नहीं किया। बोर्ड ने महसूस किया कि प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी होना चाहिए। संविधान सार्वजनिक दस्तावेज़ है और इसमें गोपनीयता नहीं होनी चाहिए।”
अन्य मुद्दे और भविष्य की योजना
BCB ने संकेत दिया कि कई पद खाली होने के कारण अंतरिम चुनाव की संभावना है। बोर्ड इस मामले में कानूनी टीम से मार्गदर्शन ले रहा है।
इसके साथ ही, BCB ने BPL से जुड़े विवादों पर ध्यान केंद्रित किया, जहां खिलाड़ियों ने भुगतान न मिलने के कारण अभ्यास का बहिष्कार किया था।
निष्कर्ष
BCB ने सुधार समिति की गतिविधियों को निलंबित करने और भविष्य में पारदर्शी निर्णय लेने का आश्वासन दिया है। बोर्ड ने यह भी कहा कि लीग और खिलाड़ियों के हितों की रक्षा करना उनकी प्राथमिकता होगी।