साफ्रान इंडिया को 2025 में रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र से 70% राजस्व वृद्धि की उम्मीद

बेंगलुरु, 22 जनवरी 2025 – फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी, साफ्रान इंडिया, 2025 में अपने रक्षा और अंतरिक्ष व्यवसाय से लगभग 70% राजस्व वृद्धि की उम्मीद कर रही है। यह वृद्धि भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान और बढ़ते निजी क्षेत्र के ठेकों से संभव हो रही है। कंपनी के शीर्ष अधिकारियों ने रॉयटर्स को बताया कि साफ्रान इंडिया इस क्षेत्र में तेजी से अपनी स्थिति मजबूत कर रही है।
भारत में बढ़ते व्यापार के अवसर
साफ्रान इंडिया के प्रमुख, जितेंद्र गावंकर ने बताया कि भारत का स्थान भू-राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “एयरोस्पेस का सबसे बड़ा बाजार अमेरिका है, लेकिन ओशियानिया और एशिया के साथ-साथ भारत का स्थान तेजी से बढ़ रहा है, खासकर अंतरिक्ष क्षेत्र में।” इस क्षेत्र में कंपनी की भागीदारी बढ़ने के साथ ही, कंपनी ने बेंगलुरु स्थित कैप्ट्रॉनिक्स सिस्टम्स को खरीदा और इसे साफ्रान डेटा सिस्टम्स इंडिया (SDSI) के रूप में पुनः स्थापित किया। इसका उद्देश्य भारत के एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्रों में अधिक हिस्सेदारी हासिल करना था।
गगनयान मिशन और भविष्य की योजनाएँ
साफ्रान इंडिया का कहना है कि वह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के गगनयान मिशन में सक्रिय रूप से शामिल है। इसके अलावा, कंपनी चंद्र मिशन और छोटे उपग्रह लॉन्च रॉकेट जैसे महत्वपूर्ण परियोजनाओं में भी अपनी भूमिका निभा रही है। SDSI अब वैश्विक अंतरिक्ष उद्योग के कुल राजस्व का लगभग 10% योगदान दे रही है। नोएल बैलोट, EVP ऑफ सेल्स एंड मार्केटिंग ने बताया, “हम उम्मीद करते हैं कि यह योगदान अगले दो से तीन वर्षों में बढ़कर 20% तक पहुँच जाएगा।”
राजस्व में वृद्धि की संभावना
साफ्रान इंडिया का अनुमान है कि 2025 में उसका कुल राजस्व 70% बढ़कर 2 अरब रुपये (23.12 मिलियन डॉलर) हो जाएगा, जो 2024 में 40% की वृद्धि से काफी अधिक होगा। यह वृद्धि भारत सरकार की “मेक इन इंडिया” पहल के कारण भी संभव हो रही है, जिससे कंपनी को अधिक निजी और सरकारी ठेके मिल रहे हैं।
इसके अलावा, कंपनी अपनी यूरोपीय निर्माण प्रक्रियाओं को भारत में स्थानांतरित करने की योजना बना रही है, जो भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रमों और तेजी से बढ़ते अंतरिक्ष टेक स्टार्टअप्स के साथ और अधिक साझेदारी का अवसर प्रदान करेगा।
निष्कर्ष
साफ्रान इंडिया का आगामी वर्ष भारतीय रक्षा और अंतरिक्ष उद्योग में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है। यदि कंपनी अपनी योजनाओं को सफलतापूर्वक लागू करती है, तो यह न केवल कंपनी के लिए, बल्कि भारत के अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र के लिए भी एक सकारात्मक कदम हो सकता है।