हमारे देश में आजकल बहुत कुछ जो हो रहा है, बीते 70 साल में ना हुआ उसी श्रृंखला में अब जुड़ रहा है गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का नाम और उसकी अपार लोकप्रियता। बीते हफ्ते लॉरेंस सुर्खियों में छाए रहे। ऐसा बहुत कम होता है कि एक गैंगस्टर नेता और अभिनेता दोनों से ज्यादा इंटरनेशनल और नेशनल हेडलाइंस बटोरे और साथ ही साथ पब्लिक का प्यार भी हासिल करे। सोशल मीडिया पर लॉरेंस की फैन फॉलोइंग आजकल फो फो की फैन फॉलोइंग से ज्यादा हो गई है।
मुख्य बिंदु
- लॉरेंस बिश्नोई का नाम हाई प्रोफाइल क्राइम्स में शामिल है।
- वह खुद को एक हिंदू डॉन मानते हैं और अपने आपको डी कंपनी का सक्सेसर मानते हैं।
- लॉरेंस ने 700 से ज्यादा शूटर्स को कंट्रोल करने का दावा किया है।
- उनकी लोकप्रियता का कारण उनके द्वारा किए गए अपराध और सोशल मीडिया पर उनकी छवि है।
- लॉरेंस का अगला टारगेट कौन होगा, यह एक बड़ा सवाल है।
लॉरेंस बिश्नोई का नाम पिछले दो सालों में हमारे देश के सबसे हाई प्रोफाइल क्राइम्स में सामने आया है, जिनमें से एक मई 2022 में पॉपुलर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की गैंगवार स्टाइल में हत्या है। अब तो लॉरेंस ऑफ इंडिया इंटरनेशनल हो गए हैं। एक तरफ कनाडा सरकार ये आरोप लगा रही है कि भारत सरकार के एजेंट्स बिश्नोई गैंग के साथ मिलकर कनाडा में आतंक फैला रहे हैं, वही दूसरी तरफ अमेरिका कह रही है कि हमारा एक्स इंटेलिजेंस ऑफिसर विकास यादव एक कंस्पिरेटर है पन्नुन मर्डर केस प्लॉट में।
यह सब कैसे संभव है जब लॉरेंस खुद ही जेल में है? 2014 से पिछले साल एनआईए ने 128 पेज का एक चार्जशीट दाखिल किया जिसमें कुछ इंटरेस्टिंग बातें सामने आईं कि कैसे पिछले एक दशक में बिश्नोई का नेटवर्क और भी ज्यादा बड़ा हो गया है। जब लॉरेंस जेल में थे, उसका ऑपरेशन ठीक दाऊद इब्राहिम जैसा है।
लॉरेंस बिश्नोई का जन्म फरवरी 1993 में पंजाब में हुआ। वह एक खानदानी रईस हैं और उनके पिता हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल रह चुके थे। कहा जाता है कि आज के डेट में भी 30-40 लाख पर ईयर परिवार लॉरेंस पर खर्च करती है। अगर लॉरेंस चाहता तो वह आराम से अपनी जिंदगी गुजार सकता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
लॉरेंस ने स्टूडेंट पॉलिटिक्स में कदम रखा और वहां से उसकी एंट्री क्राइम की दुनिया में हुई। उसने पिस्टल उठाई और कॉलेज में अपना दबदबा बनाने के लिए राइवल कैंप के खिलाफ लड़ाई की।
लॉरेंस बिश्नोई की कहानी अक्सर नाइंसाफी और अत्याचार से शुरू होती है। वह अपने राइवल्स के खिलाफ बदला लेने के लिए तैयार हो गया और यहीं से उसकी एंट्री क्राइम की दुनिया में हुई।
लॉरेंस बिश्नोई का साम्राज्य पूरे नॉर्थ इंडिया में फैल चुका है। पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान और झारखंड में उसकी पकड़ है।
लॉरेंस बिश्नोई के पास कुछ अहम हथियार हैं:
- एनोनिमिटी: गैंग का एक मेंबर उसके ऊपर के बॉस के अलावा किसी और को नहीं जानता।
- सोशल मीडिया: गैंग अपने कांड सोशल मीडिया पर पोस्ट करती है जिससे नए रिक्रूट्स मिलते हैं।
- नेटवर्किंग: जेल में जाकर दूसरे क्रिमिनल्स के साथ नेटवर्क बढ़ाना।
- डिजिटल इंडिया: डब्बा कॉलिंग के जरिए अपने ऑपरेटिव्स के साथ संपर्क में रहना।
- सरकार की अनुमति: लॉरेंस यह सब सरकार की अनुमति के बिना कर रहा है, यह यकीन करना मुश्किल है।
लॉरेंस बिश्नोई की कहानी कहीं से खत्म नहीं हुई है। अभी तो क्लाइमेक्स बहुत दूर है। यह जानना बहुत जरूरी है कि न्यू इंडिया में न्यू आइकॉन कैसे और कौन बन रहे हैं।